Zindagi sad shayari | Dard zindagi sad shayari | Zindagi sad shayari in urdu

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Zindagi sad shayari | Dard zindagi sad shayari

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होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है

इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़

जो गुज़ारी न जा सकी हम से

हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है

ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं

पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है

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किस हक से मांगू,
अपने हिस्से का वक्त आपसे,

क्योंकि ना आप मेरे हो

मुझे मोहब्बत की तहजीब मत सिखाओ,
मेने एक उम्र उसे दूर से देखकर चाहा हे.

Zindagi sad shayari

Zindagi sad shayari
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तेरी महफ़िल से उठे तो,
किसी को खबर नहीं थी,

तेरा मूड मूड कर देखना,
हमे बदनाम कर गया

यु मुकम्मल तो ना हुवा,
एकतरफा प्यार जो था,

पर फिर उस कदर,
किसी से न हुवा,
पहला प्यार जो था.

यु मुकम्मल तो ना हुवा,
एकतरफा प्यार जो था,
पर फिर उस कदर,

किसी से न हुवा,
पहला प्यार जो था.

क्या तोहफ़ा सही होगा उस हसीन शख़्स को,
जिसे पानें की दुआ करतें हैं आधे शहर के लोग.

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तुम मिले तो यूँ लगा, हर दुआ कबूल
हो गयी, कांच सी टूटी क़िस्मत मेरी
हीरों का नूर हो गयी।

किस्मत कि लकीरों में तुम लिखे हो
या नही पता नहीं,पर हाथों की लकीरों
पे तुम्हें हर रोज लिखता हूँ।

आज मेरा वक्त भी,
मेरी हालत देखकर रो पड़ा,

Dard zindagi sad shayari

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और बोला ख़राब में चल रहा हु,
और सजा तुम्हे मिल रही हे.

उसकी खुशी से मिल जाती है मुझे खुशी.
वो मेरा इंतेखाब है उसे कोई उदास ना करे.

कुछ तो लिखा होगा किस्मत में,
वरना आप हम से यूं ना मिले होते।

हमारी ज़िंदगी तो मुख़्तसर सी इक कहानी थी

भला हो मौत का जिस ने बना रक्खा है
अहल-ए-दिल के वास्ते पैग़ाम हो कर रह गई

ज़िंदगी मजबूरियों का नाम हो कर रह गई

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पढ़ने वालों की कमी हो गयी है
आज इस ज़माने में,

वरना मेरी ज़िन्दगी का हर पन्ना,
पूरी किताब है।

वही रंजिशें वही हसरतें,
न ही दर्द ए दिल में कमी हुई,

है अजीब सी मेरी ज़िन्दगी,
न गुज़र सकी न खत्म हुई।

ख़्वाबों से मुझको और न बहला सकेगी,
रहने दे ज़िन्दगी, तेरा जादू उतर गया।

अपनी ज़िंदगी में भी लिखे है कुछ ऐसे किस्से,
किसी ने अपना बना कर वक़्त गुज़ार लिया,

किसी ने वक़्त गुज़ारने के लिए अपना बना लिया।

कभी ये फिक्र, कभी वो मुसीबत,
जिंदगी क्या यूं ही गुजरने वाली है।

Zindagi sad shayari in urdu

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जिंदगी से अपना हर दर्द छुपा लेना,
ख़ुशी ना मिले तो ग़म गले लगा लेना,

कोई अगर कहे मोहब्बत आसान होती है,
तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।

नज़रों से दूर सही दिल के बहुत पास है तू,
बिखरी हुई इस ज़िन्दगी में मेरे जीने की आस है तू।

वही रंजिशें वही हसरतें,
न ही दर्द ए दिल में कमी हुई,

है अजीब सी मेरी ज़िन्दगी,
न गुज़र सकी न खत्म हुई।

हमारा कोई अपना बन जाता,
बंद आँखों का सपना बन जाता,

ज़िन्दगी के लिए हम अँधेरे बन गए कि,
कहीं अँधेरा ही मेरी ज़िन्दगी का गुनाह न बन जाता।

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देखा है मैंने ज़िन्दगी को इतने करीब से,
चेहरे तमाम लगने लगे है अजीब से।

कुछ हक़ीक़त कुछ सपने दिखाए,
कुछ पराये कुछ अपने दिखाए,
मुझे नफ़रत है इन सब से,

ए ज़िन्दगी बता क्या ये सब मेरे रब ने दिखाए।अपनी ज़िंदगी में भी लिखे है कुछ ऐसे किस्से,
किसी ने अपना बना कर वक़्त गुज़ार लिया,

किसी ने वक़्त गुज़ारने के लिए अपना बना लिया।

जो मिला कोई न कोई सबक दे गया,
अपनी ज़िन्दगी में हर कोई गुरु निकला।

डरते है आग से कही जल न जाये,
डरते है ख्वाब से कहीं टूट न जाये,

लेकिन सबसे ज़्यादा डरते है आपसे,
कहीं आप हमें भूल न जाये।

कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी,
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी,

उनकी नाराज़गी को हम क्या समझे,
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी।

ख़ामोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है,
तड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है।

हमारा कोई अपना बन जाता,
बंद आँखों का सपना बन जाता,

ज़िन्दगी के लिए हम अँधेरे बन गए कि,
कहीं अँधेरा ही मेरी ज़िन्दगी का गुनाह न बन जाता।