100+ Barish Shayari | Barish Shayari in Hindi

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Barish Shayari in Hindi

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मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !

 

गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो,
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !

 

तेरे प्रेम की बारिश हो,
मैं जलमगन हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,
मैं बादल बन जाऊं !

 

बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस कदर है,
वो बरश्ता उधर है,
और मेरा दिल धड़कता इधर है !

 

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !!

 

बारिश की बुंदे भी क्या वफा निभाती हैं !
दूर आसमा से निकल कर,
जमी में मिल जाती हैं !

 

बारिश की बूंदे आज मेरे चेहरे को छू गई,
लगता है शायद आसमा को जमी मिल गई !

Barish Shayari in Hindi

कल रात मैंने सारे ग़म आसमान को सुना दिए,
आज मैं चुप हूँ और आसमान बरस रहा है !

 

पहली बारिश का नशा ही,
कुछ अलग होता है,
पलको को छूते ही,
सीधा दिल पे असर होता है !

 

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है !
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है !

 

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिश में भीगने का !

 

सुबह का मौसम बारिश का साथ है,
हवा ठंडी जिससे ताजगी का एहसास है,
बना के रखिए चाय और पकौड़े
बस हम आपके घर के थोड़े से पास हैं !

 

हमारे शहर आ जाओ,
सदा बरसात रहती है,
कभी बादल बरसते हैं,
कभी आँखे बरसती हैं !!

 

सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में,
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !

बारिश पर शायरी

मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,
तो दिल में आग लग जाती है !

 

कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे,
तन्हा तो मेरी आंख हर रोज बरसाती हैं !!

 

कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से,
की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !

 

कुछ तो चाहत रही होंगी,
इस बारिश की बूंदो की,
वर्ना कौन गिरता है जमीन पर,
आसमान तक पहुंचने के बाद !!

 

खुद को इतना भी ना बचाया करो,
बारिशे हुआ करे तो भीग जाया करो !

 

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में,
फिर भी फ़िजा को रंगीन बना देता है !!

 

छत टपकती हैं उसके कच्चे घर की वो,
किसान फिर भी बारिश की दुआ करता है !!

 

बारिश आती है प्यार बढ़ाने के लिए,
मगर आप घर के बाहर निकलते ही नहीं !

 

ए बारिश यूं ना सता मुझे अब वो,
हमसफर मेरा नहीं किसी और का हैं !!

 

तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हँसते हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम !

 

जब लुत्फ़ का मंजर देखता रहता हूँ बारिश में,
बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में !

 

अब कोन घटाओ को घुमड़ने से रोक पायेगा,
जुल्फ जो खुल गयी तेरी लगता हैं सावन आयेंगे !

 

पहले बारिश होती थी तो तुम याद आते थे,
अब तुम याद आते हो तो बारिश होती है !!

 

बारिश और मोहब्बत दोनों ही,
यादगार होते है बारिश में जिस्म,
भीगता है और मोहबब्त में आंखे !

 

मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे,
छूने की चाहत मैं हथेलियां तो गीली,
हो जाती है पर हाथ खा ली ही रह जाते है !

 

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HINDI SHAYARI

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पहली बारिश का नशा ही,
कुछ अलग होता है,
पलको को छूते ही,
सीधा दिल पे असर होता है !

इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है !
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है !

मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिश में भीगने का !

सुबह का मौसम बारिश का साथ है,
हवा ठंडी जिससे ताजगी का एहसास है,
बना के रखिए चाय और पकौड़े
बस हम आपके घर के थोड़े से पास हैं !

हमारे शहर आ जाओ,
सदा बरसात रहती है,
कभी बादल बरसते हैं,
कभी आँखे बरसती हैं !!

सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में,
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !

बारिश पर शायरी

मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,
तो दिल में आग लग जाती है !

कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे,
तन्हा तो मेरी आंख हर रोज बरसाती हैं !!

कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से,
की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !

कुछ तो चाहत रही होंगी,
इस बारिश की बूंदो की,
वर्ना कौन गिरता है जमीन पर,
आसमान तक पहुंचने के बाद !!

खुद को इतना भी ना बचाया करो,
बारिशे हुआ करे तो भीग जाया करो !

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में,
फिर भी फ़िजा को रंगीन बना देता है !!

छत टपकती हैं उसके कच्चे घर की वो,
किसान फिर भी बारिश की दुआ करता है !!

बारिश आती है प्यार बढ़ाने के लिए,
मगर आप घर के बाहर निकलते ही नहीं !

ए बारिश यूं ना सता मुझे अब वो,
हमसफर मेरा नहीं किसी और का हैं !!

तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हँसते हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम !

जब लुत्फ़ का मंजर देखता रहता हूँ बारिश में,
बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में !

अब कोन घटाओ को घुमड़ने से रोक पायेगा,
जुल्फ जो खुल गयी तेरी लगता हैं सावन आयेंगे !

पहले बारिश होती थी तो तुम याद आते थे,
अब तुम याद आते हो तो बारिश होती है !!

बारिश और मोहब्बत दोनों ही,
यादगार होते है बारिश में जिस्म,
भीगता है और मोहबब्त में आंखे !

मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे,
छूने की चाहत मैं हथेलियां तो गीली,
हो जाती है पर हाथ खा ली ही रह जाते है !