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Table of Contents
2 line intezaar shayari
2 line intezaar shayari|heart touching 2 line intezaar shayari|two line 2 line intezaar shayari
दो गज़ जमीन मिल जाए तो सुकुन से लेटना है अब,
बहोत कर लिया इंतजार उनका…
आशिक़ मरते नही दफनाए जाते है ,
कब्र खोलके देखो तो इंतजार में पाये जाते है
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी
इंतज़ार तेरा
मुझे पूरा मरने भी नहीं देता
दिल में तुम्हारी तस्वीर, आँखों में आसूनो के मेले है
तुम्हे क्या बताये तुम बिन कितने अकेले हैं.
उम्रे-दराज़ मांग कर लाये थे चार दिन,
दो आरज़ू में कट गए दो इंतज़ार में।
चाहे तू कबूल करे या ना करे;
हमें रहेगा तेरा इंतज़ार!
आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी
और दिल में बसा है तेरा प्यार
तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे है,
तू एक नज़र हम को देख ले इस आस मे कब से बेकरार बैठे है
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी
इंतज़ार तेरा
मुझे पूरा मरने भी नहीं देता
मौत पर भी है यकीन, उन पर भी ऐतबार है
देखते है पहले कौन आता है, दोनों का इन्तज़ार है
दिल में तुम्हारी तस्वीर, आँखों में आसूनो के मेले है
तुम्हे क्या बताये तुम बिन कितने अकेले हैं.
लम्हा लम्हा किया इंतज़ार जिस लम्हे का
वो लम्हा आया तो भी एक लम्हे की लिया
एक आह भरी होगी,
हमने ना सुनी होगी जाते जाते
तुम ने आवाज़ तो दी होगी
ये कह कह के हम दिल को समझा रहे है कि
वो अब चल चुके वो अब आ रहे है।
पल भर का प्यार और बरसों का इंतेज़ार,
जैसे कोई अपना ही अपने घर को लूट रहा है…
आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी
और दिल में बसा है तेरा प्यार
चाहे तू कबूल करे या ना करे;
हमें रहेगा तेरा इंतज़ार!
तुम इंतेज़ार मे हो की नही देख मेरी खामोशी
मैं इंतेज़ार मे हूँ की कब टूटेगी तेरी खामोशी
तू पास भी हो तो दिल बेक़रार अपना है,
कि हमको तेरा नहीं, इंतज़ार अपना है।
एक आह भरी होगी,
हमने ना सुनी होगी जाते जाते
तुम ने आवाज़ तो दी होगी
तमाम उम्र यूँ ही हो गयी बसर अपनी,
शबे-फ़िराक गयी, रोजे-इंतज़ार में।
ये जो पलकों पे है खुमार आप का,
हाँ इसी को कहते हैं इंतज़ार यार का।
समझ नहीं आता
कि उनका हमे याद ना करना
लापरवाही है या बेपरवाही।
तमाम उम्र यूँ ही हो गयी बसर अपनी,
शबे-फ़िराक गयी, रोजे-इंतज़ार में।
मुसाफिर बना दिया है ज़िन्दगी ने
उम्मीद भी बड़े कमाल की चीज़ होती है,
सब्र गिरवी रख इंतज़ार थमा देती है।
तुम्हारी यादों पर इख़्तियार हो नही सकता,
लौट आओ के अब इंतज़ार हो नही सकता।
कल भी तुम्हारा इंतज़ार था,
आज भी तुम्हारा इंतज़ार है,
और हमेशा तुम्हारा ही इंतज़ार रहेगा।
खुद हैरान हूँ मैं अपने सब्र का पैमाना देख कर,
तूने याद भी ना किया,
और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा।
आंखों का इंतज़ार तुम पर आकर ही तो खत्म होता है,
फिर चाहे वो हकीकत या फिर ख्वाब।
लाश को मैंने अपनों के लिए इंतज़ार करते देखा है,
यकीन मानो, हस्ते खिलते परिवार को मैंने
टूटते बिखरते देखा है।
मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा,
तुम मेरे रूह में समाये हुए हो,
तुमको कैसे मैं भुलाऊँगा।
वादा है खुद से अगर तुम ना मिली इतना दूर चला जाऊंगा तुझसे,
फिर इंतजार करती रह जाओगी,
कभी ना मिल पाऊंगा तुझसे।
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे।
इंतज़ार के इन लम्हों में,
ज़माना ना जीत जाए,
इंतज़ार करते-करते कहीं,
ज़िन्दगी ना बीत जाए।
heart touching 2 line intezaar shayari
उम्मीद भी बड़े कमाल की चीज़ होती है,
सब्र गिरवी रख इंतज़ार थमा देती है।
आँखों से नूर बह गया किसी के इंतज़ार का,
पथराई आँखों में अब ग़म भी नहीं प्यार का।
तेरे हिज्र के गम में हम यूँ ज़ार ज़ार होते जा रहे हैं,
इंतज़ार करते करते ख़ुद इंतज़ार होते जा रहे हैं।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है।
मेरे मरने के बाद मुझे जलाना मत दफ़ना देना,
जो अगर खोली उसने कभी कब्र मेरी तो उसे इंतज़ार करता मिलुंगा।
लाश को मैंने अपनों के लिए इंतज़ार करते देखा है,
यकीन मानो, हस्ते खिलते परिवार को मैंने
टूटते बिखरते देखा है।
तेरी फ़ुरसतों के इंतज़ार में,
हम ख़ुद से भी दूर दूर हुए,
पानी जो बरसा मेरी आँखों से,
पिघली स्याही हर्फ़ मेरे काफूर हुए।
लगता है हमारे इम्तिहान की घड़ी आ गई है,
शायद इसलिए इंतज़ार करने को कहा है उन्होंने।
वक़्त के फ़ासले वक़्त ज़ाया कर के काटते हैं,
कुछ यूँ काम..
तेरे इंतजार का किया करते हैं।
two line 2 line intezaar shayari
2 line intezaar shayari|heart touching 2 line intezaar shayari|two line 2 line intezaar shayari
एक उम्र गुज़ार दी हमने तेरे इंतज़ार में,
कि अब तो वक्त़ भी हमसे इजाज़त ले-लेकर गुज़रता है।
वो इंतज़ार भी क्या जिसमें कोई बेसब्री ना हो,
वो प्यार भी क्या जिसमें कोई दिलचस्पी ना हो।
सर्द शाम की निग़ाह में भी किसी का इंतज़ार था,
मुड़ मुड़ के वो भी देखती रही रास्ता किसी का
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है।
मेरे मरने के बाद मुझे जलाना मत दफ़ना देना,
जो अगर खोली उसने कभी कब्र मेरी तो उसे इंतज़ार करता मिलुंगा।
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे।
मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा,
तुम मेरे रूह में समाये हुए हो,
तुमको कैसे मैं भुलाऊँगा।
इंतज़ार के इन लम्हों में,
ज़माना ना जीत जाए,
इंतज़ार करते-करते कहीं,
ज़िन्दगी ना बीत जाए।
वो इंतज़ार भी क्या जिसमें कोई बेसब्री ना हो,
वो प्यार भी क्या जिसमें कोई दिलचस्पी ना हो।
सर्द शाम की निग़ाह में भी किसी का इंतज़ार था,
मुड़ मुड़ के वो भी देखती रही रास्ता किसी का।
एक उम्र गुज़ार दी हमने तेरे इंतज़ार में,
कि अब तो वक्त़ भी हमसे इजाज़त ले-लेकर गुज़रता है।
आँखों से नूर बह गया किसी के इंतज़ार का,
पथराई आँखों में अब ग़म भी नहीं प्यार का।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।
तेरे हिज्र के गम में हम यूँ ज़ार ज़ार होते जा रहे हैं,
इंतज़ार करते करते ख़ुद इंतज़ार होते जा रहे हैं।
ये भींगी पलकें आज भी तुम्हारे इंतज़ार में हैं,
एक दिन वापस लौट आओगे तुम,
ये दिल को ऐतबार आज भी है।
अदब से कर रहा हूँ दिलबर तेरा इंतजार,
लौट आयेगा एक दिन अगर सच्चा होगा प्यार।
अक्सर इंतज़ार उसी का होता है,
जिसके आने की कोई उम्मीद ना हो।
कुछ इस क़दर उसने रिश्ता निभाया,
कभी न लौट आने की क़सम देकर,
बस उम्रभर इंतज़ार किया।
फुरसत पड़े तो याद कर लेना हमें,
कि जी रहे हैं हम तेरे इंतज़ार में।
लोग इंतज़ार में है के इक रोज़ क़यामत आयेगी,
मेरे यहाँ उस क़यामत का हर रोज़ आना जाना है।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।
2 line intezaar shayari
दो गज़ जमीन मिल जाए तो सुकुन से लेटना है अब,
बहोत कर लिया इंतजार उनका…
आशिक़ मरते नही दफनाए जाते है ,
कब्र खोलके देखो तो इंतजार में पाये जाते है
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी
इंतज़ार तेरा
मुझे पूरा मरने भी नहीं देता
दिल में तुम्हारी तस्वीर, आँखों में आसूनो के मेले है
तुम्हे क्या बताये तुम बिन कितने अकेले हैं.
उम्रे-दराज़ मांग कर लाये थे चार दिन,
दो आरज़ू में कट गए दो इंतज़ार में।
चाहे तू कबूल करे या ना करे;
हमें रहेगा तेरा इंतज़ार!
आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी
और दिल में बसा है तेरा प्यार
तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे है,
तू एक नज़र हम को देख ले इस आस मे कब से बेकरार बैठे है
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी
इंतज़ार तेरा
मुझे पूरा मरने भी नहीं देता
मौत पर भी है यकीन, उन पर भी ऐतबार है
देखते है पहले कौन आता है, दोनों का इन्तज़ार है
दिल में तुम्हारी तस्वीर, आँखों में आसूनो के मेले है
तुम्हे क्या बताये तुम बिन कितने अकेले हैं.
लम्हा लम्हा किया इंतज़ार जिस लम्हे का
वो लम्हा आया तो भी एक लम्हे की लिया
एक आह भरी होगी,
हमने ना सुनी होगी जाते जाते
तुम ने आवाज़ तो दी होगी
ये कह कह के हम दिल को समझा रहे है कि
वो अब चल चुके वो अब आ रहे है।
पल भर का प्यार और बरसों का इंतेज़ार,
जैसे कोई अपना ही अपने घर को लूट रहा है…
आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी
और दिल में बसा है तेरा प्यार
चाहे तू कबूल करे या ना करे;
हमें रहेगा तेरा इंतज़ार!
तुम इंतेज़ार मे हो की नही देख मेरी खामोशी
मैं इंतेज़ार मे हूँ की कब टूटेगी तेरी खामोशी
तू पास भी हो तो दिल बेक़रार अपना है,
कि हमको तेरा नहीं, इंतज़ार अपना है।
एक आह भरी होगी,
हमने ना सुनी होगी जाते जाते
तुम ने आवाज़ तो दी होगी
तमाम उम्र यूँ ही हो गयी बसर अपनी,
शबे-फ़िराक गयी, रोजे-इंतज़ार में।
ये जो पलकों पे है खुमार आप का,
हाँ इसी को कहते हैं इंतज़ार यार का।
समझ नहीं आता
कि उनका हमे याद ना करना
लापरवाही है या बेपरवाही।
तमाम उम्र यूँ ही हो गयी बसर अपनी,
शबे-फ़िराक गयी, रोजे-इंतज़ार में।
मुसाफिर बना दिया है ज़िन्दगी ने
उम्मीद भी बड़े कमाल की चीज़ होती है,
सब्र गिरवी रख इंतज़ार थमा देती है।
तुम्हारी यादों पर इख़्तियार हो नही सकता,
लौट आओ के अब इंतज़ार हो नही सकता।
कल भी तुम्हारा इंतज़ार था,
आज भी तुम्हारा इंतज़ार है,
और हमेशा तुम्हारा ही इंतज़ार रहेगा।
खुद हैरान हूँ मैं अपने सब्र का पैमाना देख कर,
तूने याद भी ना किया,
और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा।
आंखों का इंतज़ार तुम पर आकर ही तो खत्म होता है,
फिर चाहे वो हकीकत या फिर ख्वाब।
लाश को मैंने अपनों के लिए इंतज़ार करते देखा है,
यकीन मानो, हस्ते खिलते परिवार को मैंने
टूटते बिखरते देखा है।
मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा,
तुम मेरे रूह में समाये हुए हो,
तुमको कैसे मैं भुलाऊँगा।
वादा है खुद से अगर तुम ना मिली इतना दूर चला जाऊंगा तुझसे,
फिर इंतजार करती रह जाओगी,
कभी ना मिल पाऊंगा तुझसे।
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे।
इंतज़ार के इन लम्हों में,
ज़माना ना जीत जाए,
इंतज़ार करते-करते कहीं,
ज़िन्दगी ना बीत जाए।
heart touching 2 line intezaar shayari
उम्मीद भी बड़े कमाल की चीज़ होती है,
सब्र गिरवी रख इंतज़ार थमा देती है।
आँखों से नूर बह गया किसी के इंतज़ार का,
पथराई आँखों में अब ग़म भी नहीं प्यार का।
तेरे हिज्र के गम में हम यूँ ज़ार ज़ार होते जा रहे हैं,
इंतज़ार करते करते ख़ुद इंतज़ार होते जा रहे हैं।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है।
मेरे मरने के बाद मुझे जलाना मत दफ़ना देना,
जो अगर खोली उसने कभी कब्र मेरी तो उसे इंतज़ार करता मिलुंगा।
लाश को मैंने अपनों के लिए इंतज़ार करते देखा है,
यकीन मानो, हस्ते खिलते परिवार को मैंने
टूटते बिखरते देखा है।
तेरी फ़ुरसतों के इंतज़ार में,
हम ख़ुद से भी दूर दूर हुए,
पानी जो बरसा मेरी आँखों से,
पिघली स्याही हर्फ़ मेरे काफूर हुए।
लगता है हमारे इम्तिहान की घड़ी आ गई है,
शायद इसलिए इंतज़ार करने को कहा है उन्होंने।
वक़्त के फ़ासले वक़्त ज़ाया कर के काटते हैं,
कुछ यूँ काम..
तेरे इंतजार का किया करते हैं।
two line 2 line intezaar shayari
2 line intezaar shayari | heart touching 2 line intezaar shayari | two line 2 line intezaar shayari
एक उम्र गुज़ार दी हमने तेरे इंतज़ार में,
कि अब तो वक्त़ भी हमसे इजाज़त ले-लेकर गुज़रता है।
वो इंतज़ार भी क्या जिसमें कोई बेसब्री ना हो,
वो प्यार भी क्या जिसमें कोई दिलचस्पी ना हो।
सर्द शाम की निग़ाह में भी किसी का इंतज़ार था,
मुड़ मुड़ के वो भी देखती रही रास्ता किसी का
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।
यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है।
मेरे मरने के बाद मुझे जलाना मत दफ़ना देना,
जो अगर खोली उसने कभी कब्र मेरी तो उसे इंतज़ार करता मिलुंगा।
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे।
मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा,
तुम मेरे रूह में समाये हुए हो,
तुमको कैसे मैं भुलाऊँगा।
इंतज़ार के इन लम्हों में,
ज़माना ना जीत जाए,
इंतज़ार करते-करते कहीं,
ज़िन्दगी ना बीत जाए।
वो इंतज़ार भी क्या जिसमें कोई बेसब्री ना हो,
वो प्यार भी क्या जिसमें कोई दिलचस्पी ना हो।
सर्द शाम की निग़ाह में भी किसी का इंतज़ार था,
मुड़ मुड़ के वो भी देखती रही रास्ता किसी का।
एक उम्र गुज़ार दी हमने तेरे इंतज़ार में,
कि अब तो वक्त़ भी हमसे इजाज़त ले-लेकर गुज़रता है।
आँखों से नूर बह गया किसी के इंतज़ार का,
पथराई आँखों में अब ग़म भी नहीं प्यार का।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।
तेरे हिज्र के गम में हम यूँ ज़ार ज़ार होते जा रहे हैं,
इंतज़ार करते करते ख़ुद इंतज़ार होते जा रहे हैं।
ये भींगी पलकें आज भी तुम्हारे इंतज़ार में हैं,
एक दिन वापस लौट आओगे तुम,
ये दिल को ऐतबार आज भी है।
अदब से कर रहा हूँ दिलबर तेरा इंतजार,
लौट आयेगा एक दिन अगर सच्चा होगा प्यार।
अक्सर इंतज़ार उसी का होता है,
जिसके आने की कोई उम्मीद ना हो।
कुछ इस क़दर उसने रिश्ता निभाया,
कभी न लौट आने की क़सम देकर,
बस उम्रभर इंतज़ार किया।
फुरसत पड़े तो याद कर लेना हमें,
कि जी रहे हैं हम तेरे इंतज़ार में।
लोग इंतज़ार में है के इक रोज़ क़यामत आयेगी,
मेरे यहाँ उस क़यामत का हर रोज़ आना जाना है।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।